सोमवार, 6 अप्रैल 2020

एक अरसे के बाद



इस वक़्त सम्पूर्ण विश्व कोरोना वाइरस की वजह से एक विकट परिस्थिति में है, लेकिन शायद ईश्वर ने हमें कुछ सिखाने के लिए ही यह किया है। इस परिस्थिति की भयावहता के बीच हमें सकारात्मक रहते हुए इससे लड़ना है।
इसलिए आज कुछ सकारात्मक पंक्तियाँ...

हर तरफ
निशब्द घोर सन्नाटा है
एक अरसे के बाद,
प्रकृति के चेहरे पे मुस्कान है
एक अरसे के बाद,
सुकून मिला है शायद प्रकृति को
एक अरसे के बाद,
दिखाई दिया है नीला आसमान
और बर्फ से ढके पहाड़
एक अरसे के बाद,
छत पर लेटकर तारों को देखा
एक अरसे के बाद,
पंछी उन्मुक्त आकाश
में उड़ रहे हैं निर्भिक होकर
एक अरसे के बाद,
बच्चों को मिला है पिता का प्यार
एक अरसे के बाद,
माँ के चेहरे पे लौटी है मुस्कान
एक अरसे के बाद,
खिलखिलाहट से गूंज उठे हैं घर
एक अरसे के बाद,
रिश्तों में मिठास सी घुल रही है
एक अरसे के बाद,
खुद को जानने का मौका मिला है
एक अरसे के बाद,
बीत जाएगा ये वक़्त भी
पर हमें बरकरार रखनी है मुस्कान
अपने चेहरे पर
एक अरसे के बीत जाने के बाद ।


2 टिप्‍पणियां:

NILESH MATHUR

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