नहा कर ही मैंने
आत्मा का संगीत सुना था
जिसे सुनने को
मैं सदियों से तरस रहा था,
और यही वो संगीत था
वो मधुर संगीत
जो ले गया मुझे
उस जहाँ में
उस जहाँ में
जहाँ सिर्फ प्रेम है,
और वो संगीत सुनकर
मैं, मैं ना रहा
मेरा अस्तित्व ही
ना जाने कहाँ खो गया,
सुनना है गर वो संगीत तुम्हे
तो मौन की नदी में
ज़रा उतर के तो देखो!