गुरुवार, 15 मई 2025

गमले का पौधा

 

गमले में लगा 

पौधा बन गया हूं

ना तो मेरी जड़ें 

ज़मीन को छू पाती हैं 

ना ही मैं आसमान को चूम पाता हूँ ,

चाहता हूं 

कि कोई मुझे

गमले से निकाल कर 

फिर से ज़मीन में लगा दे

ताकी मैं फिर से 

अपनी मिट्टी में मिल जाऊ

और आसमान की उचाईयों को छू पाऊ।

5 टिप्‍पणियां:

  1. कोई लगा दे से अच्छा है ख़ुद ही बीज बनकर हवाओं में उड़ जाऊँ और जहाँ हरियाली और जल स्रोत दिखे वहाँ धरती में गहरे उतर जाऊँ

    जवाब देंहटाएं
  2. नन्हे से पौधे जैसी प्यारी कविता और खयाल ..पनपता रहे...सुप्रभात!

    जवाब देंहटाएं

NILESH MATHUR

यह ब्लॉग खोजें

www.hamarivani.com रफ़्तार