आवारा बादल हूँ मैं, कभी यहाँ तो कभी वहाँ, भटकना ही तो फितरत है मेरी.....
गुरुवार, 14 मई 2020
क्या कहा सच बोलूँ?
क्या कहा सच बोलूँ
या मन की आँखे खोलूँ?
क्या हँसी खेल है सच बोलना
जो मैं सच बोलूँ,
मैने भी
बोला था सच कभी
जो कुचला गया
झूठ के पैरों तले,
अब मैं
सच बोलने की
हिमाकत करता नहीं
और किसी से
सच बोलने को कहता नहीं।
वाह!बहुत सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीय सर.
जवाब देंहटाएंसादर
Online Cake Delivery
जवाब देंहटाएंSend Cakes To India Online
Send Cakes Online
nice info!! can't wait to your next post!
जवाब देंहटाएंcomment by: muhammad solehuddin
greetings from malaysia