शनिवार, 20 जुलाई 2019

रावण हूँ मैं



अहंकारी हूँ
क्योंकि पुरुष हूँ मैं 
सदियों से अहंकारी रहा है पुरुष 
और कायम रहेगा ये अहंकार सदा,
रावण से मेरी तुलना 
कर सकते हो तुम 
लेकिन मेरा वध करने के लिए 
तुम्हे राम बनना होगा,
और राम बनने का सामर्थ्य 
तुममे भी नहीं है
राम तो छोड़ो 
हनुमान भी नहीं बन सकते तुम
जो मेरी लंका को जला सके,. 
मुझ जैसे असंख्य रावण 
इस धरा पर हर ओर हैं
इंतज़ार है तो सिर्फ राम का 
पता नहीं कब वो आएँगे  
और मुझे और मेरे अहंकार को मारेंगे। 



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NILESH MATHUR

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