(१)
व्यापारी हूँ
खरीदता हूँ बेचता हूँ
ईमान धरम जो मिल जाए,
कौड़ियों के दाम मिलता है ये
बिकता है अच्छे भाव!
(२)
उनके पसीने कि कमाई
हम खाते हैं
वो बहाते हैं
हम पी जाते हैं!
(३)
फूल ने कहा
मत तोड़ो मुझे
महका दूंगा चमन,
निर्मम हाथों ने तरस न खाया
तोड़कर पत्थरों पे चढ़ाया!
(४)
उलझी हुई है ज़िन्दगी
बस जिए जा रहा हूँ
हर रात के बाद
सुबह का इंतजार किये जा रहा हूँ!
किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत क्षणिकायें
जवाब देंहटाएंwow achi rachan he
जवाब देंहटाएंaap ko badhai
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
Thanks for dropping by mt blog n appreciating my effort.
जवाब देंहटाएंyou write so well about life.......and these two pictures are great !!