मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

प्रकृति

उफ़ 
ये नदियाँ पर्वत
ये पेड़ पौधे
और उस पर
ये परिंदे,
उफ़ 
ये ढलते हुए
सूर्य की किरणे
और बादलों से
निकलता चाँद,
उफ़ 
ये पक्षियों का 
कलरव
और भंवरों की गुनगुन,
उफ़ 
ये बारिश की बूंदें
और भीगता हुआ तन,
उफ़ 
ये मदहोश हवा
और प्रफुल्लित मन,
उफ़ 
ये हरी भरी वादियाँ
और लहरों का संगीत,
उफ़ 
ये सौंदर्य,
आओ प्यार करें !

रविवार, 17 अप्रैल 2011

आसाम के बोहाग बिहू की मस्ती

आसाम में इन दिनों हर तरफ बोहाग बिहू की मस्ती छाई हुई है, ये बिहू असमिया नए साल के आगमन का प्रतीक है, इस बिहू को रोंगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता है,  बिहू नृत्य और गाने इस बिहू की मुख्य विशेषताएं हैं, मुझ पर भी इन दिनों बिहू का नशा चढ़ा हुआ है, आइये आप भी थोडा मस्ती में झूमें............


मोकोकचुंग (नागालैंड) के नजदीक से शुरू हुई मेरी यात्रा.

 
बिहू का चंदा दिए बिना जाने नहीं देंगे. 

काश मैं भी बच्चा होता !

full power

हम में है दम 


झूमो रे झूमो 

बिहू का नशा 

मैं भी झूम लूँ 

On the way of upper assam


इक कलि दो पत्तियां 
नाजुक नाजुक उँगलियाँ 
बिहू पर मछली भी पकेगी 
 पूरे रास्ते में मस्ती लेते लेते गुवाहाटी पहुच गया हूँ, अब इज़ाज़त दीजिये! आप सब को भोगाली बिहू की बहुत शुभकामना!

गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

शूरवीर अन्ना


शूरवीर अन्ना 
निकल पड़े 
ब्रह्मास्त्र लिए 
रण के मैदान में,

ये युद्ध है 
भ्रष्टाचार के विरुद्ध,

सवा करोड़ की सेना देख
दहल उठा है 
सत्ता पक्ष 
और दहल उठे 
सब भ्रष्टाचारी,

अन्ना ने 
कर दिया है युद्धघोष
अब उठना होगा 
हमें भी चिरनिद्रा से,

और दिखाना होगा 
कि हमारी रगों में 
अब भी 
बहता खून है 
पानी नहीं!

इन पंक्तियों के माध्यम से मैं अन्ना को अपना पूर्ण समर्थन देता हूँ!






शनिवार, 2 अप्रैल 2011

महाबली सचिन

महाबली सचिन
अपनी गदा
लहराएँगे
और अपना रौद्र रूप
दिखलाएँगे आज,


लंका वासियों को
फिर से
याद दिलाएँगे   
महाबली हनुमान,


जय जय महाबली सचिन
जय जय महाबली हनुमान
जय जय हिन्दुस्तान
जय जय हिन्दुस्तान !








NILESH MATHUR

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