आवारा बादल हूँ मैं, कभी यहाँ तो कभी वहाँ, भटकना ही तो फितरत है मेरी.....
आवारा बादल हूँ कभी यहॉं तो कभी वहाँ भटकना तो फितरत है मेरी, बस इक छोटी सी चाहत है बंज़र भूमि पर बरसने की।
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