(1)
पिता जी ने कहा था
बेटा सत्य के मार्ग पर चलना
कुछ दूर तक मैं चला भी था
लेकिन फिसलन इतनी थी वहाँ
कि मेरे घुटने छिल गए।
(2)
माँ ने कहा था
बेटा कभी झूठ मत बोलना
लेकिन मैं
झूठ के पर्वत पर खड़ा हूँ आज।
(3)
एक दोस्त ने कहा था
कभी धोखा मत देना
लेकिन बहुत पुरानी बात हो चुकी है वो
और मुझे भूलने की बीमारी है।
(4)
किसी ने कहा था
जीवन मे बहुत सुख मिलेगा तुम्हें
दुखों के पहाड़ पर
खड़ा हूँ आज।