शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

मिट्टी से भी खुश्बू आए

एक अनकही दास्तान
बनकर ना रह जाये 
ज़िंदगी मेरी 
ख्वाहिस है कि 
किस्से कहानियाँ बन जाये 
ज़िंदगी मेरी,


कुछ कर गुज़रने की तमन्ना 
दिल ही दिल मे 
ना रह जाये कहीं 
वक़्त रहते 
कुछ ऐसा कर गुज़रें 
कि दिलों मे बस जाये 
ज़िंदगी मेरी,


किसी दिन 
मिट्टी मे मिल जाना है
तमन्ना है ये
कि मेरी मिट्टी से भी 
खुश्बू आए ।


नोट- अभी तक ऐसा कुछ नहीं कर पाया हूँ।

18 टिप्‍पणियां:

  1. खैर मरेंगे तो अपने दुश्‍मन भी, यदि‍ ऐसे काम करें कि‍ अपनी और दूजों की जि‍न्‍दगी ही सुगन्‍धि‍त हो जाये तो ये ज्‍यादा बेहतर नहीं है क्‍या

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  2. किसी दिन मिट्टी में मिल जाना है
    तमन्ना है यह
    की मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू आये
    वाहा क्या बात है...भावपूर्ण अभिवक्ती
    समय मिले कभी तो आएगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://mhare-anubhav.blogspot.com/

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  3. किसी दिन
    मिट्टी मे मिल जाना है
    तमन्ना है ये
    कि मेरी मिट्टी से भी
    खुश्बू आए । बहुत ही सुन्दर पंक्तिया....

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  4. बहुत खूबसूरत तमन्ना ..अच्छी प्रस्तुति

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  5. जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास करे और उसके बाद तो बाद में देखा जायेगा अच्छी रचना

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  6. तमन्ना है ये
    कि मेरी मिट्टी से भी
    खुश्बू आए ।


    नोट- अभी तक ऐसा कुछ नहीं कर पाया हूँ।

    आप ऐसा ही तो कुछ कर रहे हैं ... Bahut sundar

    My Blog: Life is Just a Life
    .

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  7. कुछ कर गुज़रने की तमन्ना
    दिल ही दिल मे
    ना रह जाये कहीं
    वक़्त रहते
    कुछ ऐसा कर गुज़रें
    कि दिलों मे बस जाये
    ज़िंदगी मेरी,.... आमीन

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  8. जरूर कर लेंगे वक्त आने पर ... बस दिल में होंसला होना चाहिए ... लाजवाब रचना है ...

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  9. ऐसा ही हो ... बहुत ही अच्‍छी रचना ।

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  10. किसी दिन
    मिट्टी मे मिल जाना है
    तमन्ना है ये
    कि मेरी मिट्टी से भी
    खुश्बू आए ।

    सुंदर विचारों से ओतप्रोत सुंदर कवि़ता.

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  11. किसी दिन
    मिट्टी मे मिल जाना है
    तमन्ना है ये
    कि मेरी मिट्टी से भी
    खुश्बू आए ।
    bahut sunder vichaar liye anoothi rachanaa .bahut badhaai aapko.आप ब्लोगर्स मीट वीकली (९) के मंच पर पर पधारें /और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आप हमेशा अच्छी अच्छी रचनाएँ लिखतें रहें यही कामना है /
    आप ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर सादर आमंत्रित हैं /

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  12. ऐसा ही होगा... दिल से निकली हर दुआ खुदा कुबूल करता है... आमीन!

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  13. कुछ कर गुज़रने की तमन्ना
    दिल ही दिल मे
    ना रह जाये कहीं
    वक़्त रहते
    कुछ ऐसा कर गुज़रें
    कि दिलों मे बस जाये
    ज़िंदगी मेरी,.......बहुत सुन्दर तमन्ना ... आमीन.....

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NILESH MATHUR

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