ज्योति
जीवन में कुछ लोग मिलते है जिनसे मिलकर अपनेपन का अहसास होता है, और जीवन एक खूबसूरत मोड़ ले लेता है, श्री श्री रविशंकर जी के आशीर्वाद से मुझे ज्योति के रूप में एक छोटी बहन मिली है, ज्योति गुरु जी की विशेष कृपापात्र है और सेवा के लिए पूरी तरह से समर्पित है, और ज्योति को बहन के रूप में पा कर मैं इतना खुश हूँ कि खुद को बहुत सौभाग्यशाली समझने लगा हूँ, मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वो हमेशा खुश रहे, और अब वो खुश रहे इसकी ज़िम्मेदारी मेरी भी है!
ज्योति के लिए कुछ पंक्तियाँ ....................
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Jyoti |
ज्योति हो तुम
और ज्योति ही
अन्धकार को मिटाती है,
कभी कभी
विपरीत हवाओं से
लड़ना भी होगा तुम्हे,
लेकिन तुम्हे अटल रहना है
और वो ज्योति बनना है
जिसे हवाएं तो क्या
तूफ़ान भी बुझा ना सके,
तूफ़ान भी सहम कर
थम जाएगा तुम्हारे तेज से
हवाओ कि तो
बिसात ही क्या,
तुम जगमगाती रहना
सदा यूँ ही
अँधेरे को मिटाती रहना
सदा यूँ ही
और मुस्कराती रहना
सदा यूँ ही!
चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व निखार हेतु आपके द्वारा किए जा रहा प्रयास सराहनीय है। इस हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंसद्भावी - डॉ० डंडा लखनवी
संदेशात्मक रचना....
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना...मंगलकामनाएँ आप भाई बहन के लिए.
जवाब देंहटाएंनीलेस भाई ..ज्योति त प्रतीक है प्रकास का, मार्गदर्सन का, भटके हुए को रास्ता दिखाने का... असली ज्योति त मन के अंदर होता है.. बाहर नहीं..इसलिए ई ज्योति न आँधी से बुझ सकेगा न हवा का झोंका से... हमरा भी स्नेह!!
जवाब देंहटाएंज्योति हो तुम
जवाब देंहटाएंऔर ज्योति ही
अन्धकार को मिटाती है,
मंगलकामनाएँ आप भाई बहन के लिए.
. ज्योति तो हमेशा ही प्रकाश और मार्गदर्शन का प्रतीक है, उसको बस सहेज कर रखना होता है आंधी और तूफान से बस एक ओट की जरूरत होती है. भाई बहन की इस रिश्ते को शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंbahut hee sundar rachana ....
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंये सम्बन्ध अमर रहे
जवाब देंहटाएंआप दोनों ज्योतियों से प्रकाशित हो
मंगलकामनाएं