बुधवार, 26 अक्टूबर 2011

एक नन्ही सी लौ


दीपक की 
एक नन्ही सी लौ 
रौशन कर सकती है 
इस ज़हाँ को,

हर एक कोने से 
ढूंढ कर 
अँधेरे के शैतान को
क़त्ल कर सकती है वो,

आओ हम भी 
उस लौ की रौशनी में नहा लें 
इस दीपावली पर 
एक दीपक ऐसा जलाएं 
जिसे आंधियाँ भी 
बुझा ना सके!







14 टिप्‍पणियां:

  1. बहोत अच्छे

    नया हिन्दी ब्लोग
    http://hindiduniyablog.blogspot.com/

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  2. आवारा बादल को दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं....स्वच्छंद आकाश में विचरते बादलों सा अवसर आपको मिलता रहे....

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  3. बहुत सुंदर भाव ..
    .. आपको भी दीपपर्व की शुभकामनाएं !!

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  4. दीपावली पर शुभकामनायें स्वीकार करें !
    सादर !

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  5. आओ हम भी
    उस लौ की रौशनी में नहा लें
    इस दीपावली पर
    एक दीपक ऐसा जलाएं
    जिसे आंधियाँ भी
    बुझा ना सके! बिलकुल सही कहा आपने.... एक दीप ऐसा जलाये..... शुभ दिवाली.....

    जवाब देंहटाएं
  6. आमीन ...
    आपको दीपावली की मंगल कामनाएं ...

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत अच्छी कामना । आभार , दीवाली की शुभकामनाएँ ...

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  8. बहुत सुंदर भाव कविता अच्छी लगी ।

    संजय भास्कर
    आदत....मुस्कुराने की
    पर आपका स्वागत है
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं

NILESH MATHUR

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