आज कुछ पुरानी तस्वीरें देख रहा था, बचपन की यादें ताजा हो गयी....
मैं लक्षमण झूले पर |
बर्थडे पार्टी |
आओ लौट चलें बचपन में
फिर से निष्कपट हो जाएँ,
कागज कि कश्ती बनाएं
पानी में बहाएँ,
फिर से निष्कपट हो जाएँ,
कागज कि कश्ती बनाएं
पानी में बहाएँ,
फिर से देखें वो ख्वाब
जिनमे परियां थी
और शहजादे थे
पिता जी कि नसीहत
पिता जी कि नसीहत
और माँ के सपने थे,
आओ लौट चलें बचपन में
जब मैं छोटा बच्चा था |
फिर से बस्ता उठाएं और स्कूल को जाएँ
भुला कर गम मुस्कुराएँ छोटी छोटी खुशियों पर
आओ लौट चलें बचपन में
भुला कर गम मुस्कुराएँ छोटी छोटी खुशियों पर
उत्सव मनाएँ,
आओ लौट चलें बचपन में
फिर से निष्कपट हो जाएँ!
shukriya Nilesh...for sharing..I like this.
जवाब देंहटाएंबीती यादें बचपन की ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ...
बचपन के फोटो और विवरण अच्छे लगे ।
जवाब देंहटाएंsari tasweeren bahut achhi lagin aur chahat antatah yahi ... kitna achha ho hum milker ek programme banayen , aur bachpan ko sunayen aur bebaki se hanse
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबचपन के दिन भुला न देना , बहुत खूब अच्छे फोटो ...
जवाब देंहटाएंबीते हुए लम्हों की कसक आज भी है....
जवाब देंहटाएंफिर से निष्कपट हो जाएँ! :)
जवाब देंहटाएंसच में बचपन तो बचपन ही है.... आपकी पोस्ट सभी को अपने बचपन में ले जाएगी...
अच्छे फोटो ...बीती यादें बचपन की ..बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबचपन के दिन भी क्या दिन .....सुन्दर चित्रों के साथ सुन्दर भाव....
जवाब देंहटाएंबचपन के ये प्यारे पल ताउम्र साथ रहते हैं ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
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