आओ चलें
इस भीड़ से दूर कहीं
जहाँ मौन मुखरित हो
और शब्द निष्प्राण,
अपने चेहरे से
मुखौटे को उतार कर
अपने ह्रदय से पूछें
कुछ अनुत्तरित प्रश्न,
झाड़ कर
वर्षों से जमी धूल
धुले हुए वस्त्र पहनें
और बैठ कर
मौन के आगोश में
परम सत्य की
खोज करें,
आओ चलें
मौन के साम्राज्य में
जहाँ शब्दहीन ज्ञान
प्रतीक्षारत है!
परम सत्य की
जवाब देंहटाएंखोज करें,
आओ चलें
मौन के साम्राज्य में
जहाँ शब्दहीन ज्ञान
प्रतीक्षारत है!
यही तो हमें मुक्त करेगा ! बहुत सुंदर भावभीनी कविता !
मौन का साम्राज्य वैसे भी बहुत विस्तृत है .......आभार
जवाब देंहटाएंमौन की महिमा अनंत है
जवाब देंहटाएंवीडियो - नये ब्लोगर डैशबोर्ड से संक्षिप्त परिचय
आओ चलें
जवाब देंहटाएंमौन के साम्राज्य में
जहाँ शब्दहीन ज्ञान
प्रतीक्षारत है! ...kitna alaukik hoga n
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमगर रंग को सुधारे
sunder nimantran.
जवाब देंहटाएंsunder bhav sunder prastuti
जवाब देंहटाएंआओ चलें
जवाब देंहटाएंमौन के साम्राज्य में
जहाँ शब्दहीन ज्ञान
प्रतीक्षारत है!
वाह ..मौन की सुन्दर अभिव्यक्ति
आओ चलें
जवाब देंहटाएंमौन के साम्राज्य में
जहाँ शब्दहीन ज्ञान
प्रतीक्षारत है!
सुंदर अतिसुन्दर रचना , बधाई
आज आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएं...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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अप्रतिम रचना है ...शब्द और भाव अनूठे हैं बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंsimply beautiful..
जवाब देंहटाएंlovely projection of thoughts !!
बहुत खूब ... मौन के स्वर हैं ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति ...
वाह कितना सुन्दर लिखा है आपने, ..मौन की सुन्दर अभिव्यक्ति जवाब नहीं इस रचना का........ बहुत खूबसूरत....
जवाब देंहटाएंअस्वस्थता के कारण करीब 20 दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था
जवाब देंहटाएंआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,
वाह मौन को ख़ूबसूरती से पेश किया है.. मौन ही सबसे बड़ी जुबां है.. सबसे बड़ा गुण.. सच है...
जवाब देंहटाएंपरवरिश पर आपके विचारों का इंतज़ार है..
आभार
कहीं और भी पढ़ी है यह कविता ..बेहद खूबसूरत है.
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुती....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ...
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