आवारा बादल हूँ मैं, कभी यहाँ तो कभी वहाँ, भटकना ही तो फितरत है मेरी.....
jid ke aage kuchh bhi nahi ....
very nice.amazing.have a nice day
beautiful
खुदा की इबादत के बाद 'मैं' बचता ही कहाँ है जनाब ? सुभानअल्लाह!
dushwariyon ki zidd aur khuda ki ibaadat ... ek din honge zameen aasmaan chaand sitare hathon mein .... koi shak ?
भाई ख़ुदा की इबादत इसलिये नहीं की जाती कि वो दुश्वारियों से निजात दिलाएगा.. अपना तो एक ही फ़लसफ़ा हैःजानकर ये, ख़ुदा से कुछ न कहावो मेरा हाल जानता होगा!!
लगता है, आदमी की दुश्वारियों के आगे ख़ुदा भी लाचार है।एक पंक्ति में पूरा जीवन दर्शन,...वाह।
nilesh ji in char panktiyon me aapne sab kuchh kah diya hai badi khoob surati ke saath .shubhan -allah poonam
wah wah.....
Khoobsurat.... man ko chhoonewali panktiyan....
jid ke aage kuchh bhi nahi ....
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जवाब देंहटाएंbeautiful
जवाब देंहटाएंखुदा की इबादत के बाद 'मैं' बचता ही कहाँ है जनाब ? सुभानअल्लाह!
जवाब देंहटाएंdushwariyon ki zidd aur khuda ki ibaadat ... ek din honge zameen aasmaan chaand sitare hathon mein .... koi shak ?
जवाब देंहटाएंभाई ख़ुदा की इबादत इसलिये नहीं की जाती कि वो दुश्वारियों से निजात दिलाएगा.. अपना तो एक ही फ़लसफ़ा हैः
जवाब देंहटाएंजानकर ये, ख़ुदा से कुछ न कहा
वो मेरा हाल जानता होगा!!
लगता है, आदमी की दुश्वारियों के आगे ख़ुदा भी लाचार है।
जवाब देंहटाएंएक पंक्ति में पूरा जीवन दर्शन,...वाह।
nilesh ji
जवाब देंहटाएंin char panktiyon me aapne sab kuchh kah diya hai badi khoob surati ke saath .
shubhan -allah
poonam
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