आवारा बादल हूँ मैं, कभी यहाँ तो कभी वहाँ, भटकना ही तो फितरत है मेरी.....
सोमवार, 19 अक्तूबर 2009
दीपावली
रौशनी के सारे सौदागर
दिए जलेंगे आज
अंधेरों से लड़ते हुए
रौशनी में नहाएँगे आज ,
पर कुछ लोग
अपनी खिड़कियाँ
बंद कर लेंगे
इन्हें रौशनी में नहाते देख
और खो जाएँगे अपने
अँधेरे साम्राज्य में आज ,
रौशनी के सारे सौदागर
दिए जलाएँगे आज!
रौशनी के सारे सौदागर दिए जलेंगे आज अंधेरों से लड़ते हुए रौशनी में नहाएँगे आज , पर कुछ लोग अपनी खिड़कियाँ बंद कर लेंगे इन्हें रौशनी में नहाते देख और खो जाएँगे अपने अँधेरे साम्राज्य में आज , रौशनी के सारे सौदागर दिए जलाएँगे आज!
बहुत खूब....!!
निलेश जी बहुत बढिया शुरुआत ...!!
मुझे उम्मीद है कि बहुत ही जल्द ब्लॉग जगत को आपकी रचनाओं का इन्तजार रहेगा ....!!
रौशनी के सारे सौदागर
जवाब देंहटाएंदिए जलेंगे आज
अंधेरों से लड़ते हुए
रौशनी में नहाएँगे आज ,
पर कुछ लोग
अपनी खिड़कियाँ
बंद कर लेंगे
इन्हें रौशनी में नहाते देख
और खो जाएँगे अपने
अँधेरे साम्राज्य में आज ,
रौशनी के सारे सौदागर
दिए जलाएँगे आज!
बहुत खूब....!!
निलेश जी बहुत बढिया शुरुआत ...!!
मुझे उम्मीद है कि बहुत ही जल्द ब्लॉग जगत को आपकी रचनाओं का इन्तजार रहेगा ....!!
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