और शाहज़हान का बेटा
याद नहीं मुझे,
मुझे तो याद है
बाबर की बर्बरता
और औरंगजेब की
साम्प्रदायिकता,
कभी कभी
याद आते हैं मुझे
बहादुर शाह ज़फर
और उनके शेर,
याद है मुझे
वो झूठे सूरमा
जो अंग्रेजों और मुग़लों के
तलवे चाटते थे,
याद है शहादत
सुभाष भी अक्सर
याद आते हैं मुझे,
नेहरु मुझे
और जिन्ना
जिन्न की तरह
याद आते हैं,
भूल चुका हूँ मैं
रक्त रंजित इतिहास,
लेकिन हाँ....
गोडसे अब भी
याद है मुझे
जिसने एक युग का
अंत किया
सही या गलत
मैं नहीं जानता..............
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (14-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
saarthak................
जवाब देंहटाएंgodse ka kritrya kritya tha ya apkritya............aaj tak prashn hi bana hua hai..........
याद है मुझे
जवाब देंहटाएंवो झूठे सूरमा
जो अंग्रेजों और मुग़लों के
तलवे चाटते थे,
लेकिन हाँ....
जवाब देंहटाएंगोडसे अब भी
याद है मुझे
जिसने एक युग का
अंत किया
सही या गलत
मैं नहीं जानता.............hmmm, sochnewali baat hai
विचारणीय..सही या गलत!!
जवाब देंहटाएंएक सटीक अर्थ को संप्रेषित करती आपकी यह रचना इतिहास और वर्तमान का जीवंत दस्तावेज है
जवाब देंहटाएंलेकिन हाँ....
जवाब देंहटाएंगोडसे अब भी
याद है मुझे
जिसने एक युग का
अंत किया
सही या गलत
मैं नहीं जानता.............
बहुत सार्थक और भावों को उद्वेलित करने वाली प्रस्तुति..
behadddd hee khoobasoorat aur sampoorn rachna ! Neelesh ji is rachna par badhai..aabhar !
जवाब देंहटाएंयाद रखना ही इस युग की पहली आवश्यकता है
जवाब देंहटाएंबढ़िया और यथार्थ परक चोट की है, शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंve sabhi pal yaad rahate hain, jo kuchh bura ya achchha gathit hone ke liye nishchit kiye jate hain.
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब....
जवाब देंहटाएंसच्चाई बयां करतीं लाजवाब यादें ।
जवाब देंहटाएंगोडसे को भुला जा भी नहीं सकता ... भुला जाना भी नहीं चाहिए !
जवाब देंहटाएंतो नेहरु को आप माफ़ नहीं ही कर सकते !
जवाब देंहटाएंविचारणीय ,बहुत सार्थक प्रस्तुति......
जवाब देंहटाएंrachnatamk ......
जवाब देंहटाएंbahut khoob very nice post
जवाब देंहटाएंसचमुच इतिहास की परतें खोलने पर न जाने कितने सुलगते हुए राज़ उभर आते हैं
जवाब देंहटाएंलेकिन हाँ
जवाब देंहटाएंगोडसे अब भी
याद है मुझे
जिसने एक युग का
अंत किया
सही या गलत
मैं नहीं जानता
बहुत ही विचारप्रवण कविता है।