कोई बचा लो मुझको मर रहा हूँ मैं
कोई बचा लो मुझको
मर रहा हूँ मैं
एक बार में मरता तो अलग बात थी
किस्तों में मर रहा हूँ मैं,
पहले ज़मीर मरा
फिर इंसानियत
अब तिल तिल कर
मर रही है मेरी संवेदनाएं,
कोई दे दे दवा
या दारू ही सही
नशे में जान निकले
तो अच्छा,
अगर बदकिस्मती से
मैं बच गया
तो क्या तुम मुझे
इंसान कहोगे?
नीलेश भाई, अच्छेई रचना बन पड़ी है लेकिन लगता है कुछ और पंक्तियाँ जुड़ जातीं तो और बेहतर होती.. नहीं?
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में सुन्दर रचना ,,,अंतिम पंक्ति बहुत कुछ कहती हुई ,,,,,,निलेश भाई धन्यवाद और बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया रचना है।बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंतिल तिल कर,मर रही है मेरी संवेदनाएं...बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंतिल तिल ही दुनिया गर्त में जा रही है..हम सभी मर रहे हैं इसी तरह!! इन्सान कहलाने तो वैसे अभी ही कहाँ बचे हैं.
जवाब देंहटाएंउम्दा रचना!
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंbadhai aao ko is ke liye
एक सच कहती रचना...आज हर इंसान यूँ ही मर रहा है...
जवाब देंहटाएंजीवन कि सच्चाई को बहुत ही खूबसूरती से आपने इस रचना के माध्यम से पिरोया है |
जवाब देंहटाएंरत्नेश त्रिपाठी
पहले ज़मीर मरा
जवाब देंहटाएंफिर इंसानियत
अब तिल तिल कर
मर रही है मेरी संवेदनाएं,
बहुत बढ़िया निलेश जी ,
सही सोच और आज इंसानियत की दर्दनाक अवस्था का सटीक चित्रण ....
bahut sundar !
जवाब देंहटाएंwaah Neelesh ji shaandaar rachna...bahut khoob...
जवाब देंहटाएंपहले ज़मीर मरा
जवाब देंहटाएंफिर इंसानियत
अब तिल तिल कर
मर रही है संवेदनाएं,...... bahut khoob
बदकिस्मती से
जवाब देंहटाएंअगर मैं मरने से बच गया
तो क्या तुम मुझे इंसान कहोगे? ......dardnaak,maarmik.
पहले ज़मीर मरा
जवाब देंहटाएंफिर इंसानियत
अब तिल तिल कर
मर रही है मेरी संवेदनाएं,
बहुत बढ़िया !
नीलेश बाबू, जब आदमी का जमीर, इंसानियत अऊर सम्वेदना मर गया, त ई जीना भी कोई जीना है लल्लू... ऐसन आदमी को ना दवा से ठीक किया जा सकता, न दारू से भुलाया जा सकता है... हम त दावा के साथ कहते हैं कि ऊ आदमी मरने से बच नहीं सकता, ऊ त जिंदा लाश बनकर सड़क पर बेख़ौफ घूमेगा… गलती से लाश का तौहीन हो गया नीलेश बाबू, काहे कि लाश त कुछ समय के बाद बदबू देना शुरू करता है, अईसा आदमी पल भर में बदबू देने लगता है...
जवाब देंहटाएंसलाम है आपका सम्वेदना को!!
bohat badiya
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