हे ईश्वर
माँ के बालों की सफेदी
मुझे अच्छी नहीं लगती,
उसके चेहरे की
झुर्रियाँ मिटा दे,
उसका हर ग़म
दे दे मुझे,
उसके चेहरे पे
मुस्कुराहट सजा दे,
उस के चेहरे में
ज़न्नत नज़र आती है मुझे
उसी के कदमों में है
मेरा जहाँ,
उसी की वजह से
मेरा वज़ूद
मैं जो कुछ भी हूँ
वो उसी की दुआ।
माँ को समर्पित शानदार प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसादर
माँ की समृति को समेटे सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएं