अहंकारी हूँ
क्योंकि पुरुष हूँ मैं
सदियों से अहंकारी रहा है पुरुष
और कायम रहेगा ये अहंकार सदा,
रावण से मेरी तुलना
कर सकते हो तुम
कर सकते हो तुम
लेकिन मेरा वध करने के लिए
तुम्हे राम बनना होगा,
और राम बनने का सामर्थ्य
तुममे भी नहीं है
राम तो छोड़ो
हनुमान भी नहीं बन सकते तुम
जो मेरी लंका को जला सके,.
जो मेरी लंका को जला सके,.
मुझ जैसे असंख्य रावण
इस धरा पर हर ओर हैं
इंतज़ार है तो सिर्फ राम का
पता नहीं कब वो आएँगे
और मुझे और मेरे अहंकार को मारेंगे।
पता नहीं कब वो आएँगे
और मुझे और मेरे अहंकार को मारेंगे।
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