बुधवार, 15 जून 2016

लिखने के लिए बाज़ुओं में ताक़त चाहिए और जिगर भी..




लिखने के लिए 
बाज़ुओं में ताक़त चाहिए और जिगर भी,
वर्ना कलम तो हरेक के पास है।
खाली जा सकता है वार तलवार का 
और बंदूक की गोली भी दे सकती है धोखा 
पर बहुत गहरा है वार कलम का 
सीधे जिगर पर वार करती है कलम ,
बंदूक थामी है तुमने 
तो जरूर तुम्हारे बाजुओं में 
ताक़त होगी और जिगर भी, 
फिर क्यों बन्दूक हाथ में ले रखी है तुमने 
कलम ही काफ़ी है इनके लिए 
जिनसे तुम लड़ रहे हो।  


4 टिप्‍पणियां:

NILESH MATHUR

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