आए साल का स्वागत कुछ क्षणिकाओं से .........
(1)
साँप अब
डसना छोड़ दो
नया साल आ रहा है।
(2)
सुन लो दुनिया वालों
हिंदुस्तान मे
और रक्त नहीं बहेगा
अब के बरस।
(3)
सावधान
कसाब के आका
और नहीं सहेंगे
अब के बरस।
(4)
फिज़ा मे बारूद नहीं
फूलों की महक होगी
इस साल।
(5)
ना हिन्दू हैं हम
ना मुसलमान
हम हैं हिन्दुस्तानी
और ये है हिंदुस्तान।
...आमीन...बहुत सुन्दर क्षणिकाएं!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर क्षणिकाएं.......
जवाब देंहटाएंशानदार लेखन,
जवाब देंहटाएंजारी रहिये,
बधाई !!