उफ़
ये नदियाँ पर्वत
ये पेड़ पौधे
और उस पर
ये परिंदे,
उफ़
ये ढलते हुए
सूर्य की किरणे
और बादलों से
निकलता चाँद,
उफ़
ये पक्षियों का
कलरव
और भंवरों की गुनगुन,
उफ़
ये बारिश की बूंदें
और भीगता हुआ तन,
ये हरी भरी वादियाँ
और लहरों का संगीत,
उफ़
ये सौंदर्य,
आओ प्यार करें !
ये नदियाँ पर्वत
ये पेड़ पौधे
और उस पर
ये परिंदे,
उफ़
ये ढलते हुए
सूर्य की किरणे
और बादलों से
निकलता चाँद,
उफ़
ये पक्षियों का
कलरव
और भंवरों की गुनगुन,
उफ़
ये बारिश की बूंदें
और भीगता हुआ तन,
उफ़
ये मदहोश हवा
ये मदहोश हवा
और प्रफुल्लित मन,
उफ़ ये हरी भरी वादियाँ
और लहरों का संगीत,
उफ़
ये सौंदर्य,
आओ प्यार करें !