गुरुवार, 30 सितंबर 2010

मैं ना हिन्दू हूँ ना मुसलमान

मैं ना हिन्दू हूँ ना मुसलमान
मैं तो हूँ एक अदद इंसान,

जो नहीं चाहता की नालियों में बहे रक्त 
किसी हिन्दू या मुसलमान का,


ना ही शामिल हूँ मैं 
शैतानों की जमात में
और ना ही 
नफरत का सौदागर हूँ मैं, 


मैं तो चाहता हूँ 
सिर्फ प्रेम और भाईचारा 
मुझे तो मंदिर और मस्जिद में भी 
कोई फर्क नज़र नहीं आता,


और शायद हर आम आदमी
मुझ जैसा ही है 
जो हिन्दू या मुसलमान होने से पहले
एक अदद इंसान है! 
  
  

बुधवार, 22 सितंबर 2010

आशा परिवार


आशा परिवार जो विकलांग बच्चों के लिए समर्पित है...........  


एक परिवार
जो बांटता है स्नेह 
और महसूस करता है दर्द को
और भावनाओं को ,


एक परिवार
जो समर्पित है
प्रेम, त्याग और सेवा को,  


एक परिवार 
जो सिखाता है सपने देखना
और सपनो को पूरा करना,  


एक परिवार
जो जीने की राह दिखाता है
और जीना भी सिखाता है,


एक परिवार
जो सिर्फ आशा ही नहीं
विश्वास  है हम सबका ,


एक परिवार  
जो परिवार है हमारा
हम सबका परिवार
आशा परिवार !




नीलेश माथुर .

गुरुवार, 16 सितंबर 2010

दर्द

बहुत गहराई से 
महसूस किया है 
मैंने दर्द को इन दिनों,

बहुत समय बाद 
खुलकर रोने का मौका 
मिला है इन दिनों,

कोई सह रहा है दुःख
किसी के लिए
कोई ढाए जा रहा है सितम 
किसी पर इन दिनों,

इस जिस्म से
रूह को जुदा कर सकूँ   
इतना साहस भी
नहीं बचा है मुझमे इन दिनों,

जिन्हें अपना समझता रहा 
उम्र भर 
वही कत्ल करने पर आमाद हैं मेरा 
इन दिनों,

किससे कहूँ 
हाले-दिल अपना  
मेरा खुदा भी मुझसे 
नाराज है शायद इन दिनों !



मंगलवार, 14 सितंबर 2010

बहुत क़र्ज़ है हिंद पर हिंदी का

आओ
दम तोडती हिंदी को 
रक्तदान करें,

कुछ साँसे
उधार दे कर
मरने से बचा लें उसे,

बहुत क़र्ज़ है
हिंद पर हिंदी का!

शुक्रवार, 3 सितंबर 2010

महंगी मुस्कान

वो कहते हैं कि 
मुस्कान को सस्ती कर दो 
पर कहाँ से लाऊं 
मैं वो मुस्कान,


मेरी तो मुस्कान 
और भी महंगी होती जा रही है
सस्ते हो रहे हैं 
सिर्फ मेरे आंसू.....