आवारा बादल हूँ मैं, कभी यहाँ तो कभी वहाँ, भटकना ही तो फितरत है मेरी.....
nice..
जो हलाहल पि ले तो उसे तो जीना आ ही जायेगा ... सुन्दर
सार्थक
फिर इसके बाद डर कैसा !
अब भूल तो नहीं जायेंगे...
Aur kya chahiye ji?Neeraj
nice..
जवाब देंहटाएंजो हलाहल पि ले तो उसे तो जीना आ ही जायेगा ... सुन्दर
जवाब देंहटाएंसार्थक
जवाब देंहटाएंफिर इसके बाद डर कैसा !
जवाब देंहटाएंअब भूल तो नहीं जायेंगे...
जवाब देंहटाएंAur kya chahiye ji?
जवाब देंहटाएंNeeraj