गुरुवार, 22 अप्रैल 2010

मेरा ट्रांजिस्टर !

मेरी कमीज, मेरी पतलून, मेरा जूता के बाद मेरा ट्रांजिस्टर.......शायद आपको पसंद आएगा !


आज फिर से 
मेरा ट्रांजिस्टर
याचना सी कर रहा है मुझसे
अपनी मरम्मत के लिए,


एक समय था 
जब बहुत ही सुरीली तान में 
वो बजता था
और मैं भी
उसके साथ गुनगुनाता था,


पर आज 
मरघट सा सन्नाटा है
मेरे घर में
बिना ट्रांजिस्टर के !

8 टिप्‍पणियां:

  1. जब बिजली नहीं रहती
    इनवर्टर भी काम नहीं करता
    छा जाता है घर में
    मोमबत्तियों वाला उजाला
    तब बहुत काम आता है
    ट्रांजिस्टर
    आज भी।

    मेरे पास है
    ट्रांजिस्टर
    आज भी।

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  2. साथी था मेरे बचपन का
    हमेशा याद आया है
    उसी ने मुझे पढना
    और गाना सिखाया है ...

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  3. एक समय था
    जब बहुत ही सुरीली तान में
    वो बजता था
    और मैं भी
    उसके साथ गुनगुनाता था,


    इन पंक्तियों ने दिल छू लिया...... बहुत सुंदर ....रचना....

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  4. करवा ही दिजिये मरम्मत/// बिन उसके सब सून!!

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  5. अब तो होम थिएटर सिस्टम ले आइए - डॉल्बी डिजिटल 2 - डीटीएस युक्त... ट्रांजिस्टर की सर्र-फर्र-घर्र से न सिर्फ छुटकारा मिलेगा, बल्कि पुराने गीतों को सुनने में नया अनुभव मिलेगा.
    हैट टिप - फ़िलिप्स एचटीएस 3378 या ऊपर का कोई मॉडल पसंद करें :)

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