आवारा बादल
आवारा बादल हूँ मैं, कभी यहाँ तो कभी वहाँ, भटकना ही तो फितरत है मेरी.....
सोमवार, 14 नवंबर 2011
कमल कीचड़ में भी खिलते हैं
ये सच है
कि कमल कीचड़ में भी खिलते हैं
आज शहर की
एक बस्ती में मैंने
कमल के झुण्ड देखे थे,
हां बहुत प्यारे से बच्चे थे वो
बिलकुल कमल के फूल जैसे!
शुक्रवार, 4 नवंबर 2011
पहली किरण
चाहता हूँ कि
सूर्य की पहली किरण बन
तुम्हारे घर के
आँगन में आऊं,
और जाड़े की एक ठंडी सुबह
तुम्हे जी भर के
अपनी किरणों से नहलाऊं,
और तुम
सराबोर हो कर
सुनहरी किरणों के सौन्दर्य से
फूलों की तरह खिल उठो
और एक सदी तक
महकती रहो,
और मैं सदी के अंत तक
तुम्हें अपनी किरणों से
नहलाता रहूँ ।
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