tag:blogger.com,1999:blog-5021379659341098168.post5445319617462963600..comments2024-02-14T14:02:53.301+05:30Comments on आवारा बादल: जिनकी झुकी हुई है रीढ़nilesh mathurhttp://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5021379659341098168.post-6748120700643530382021-12-17T16:46:08.829+05:302021-12-17T16:46:08.829+05:30ये मजदूर जो दूसरों के घर सजाते हैं अपने कपड़े भी गं...ये मजदूर जो दूसरों के घर सजाते हैं अपने कपड़े भी गंदे कर लेते हैं, उनके हाथ भी कितने रूखे हो जाते होंगे, पेंट छुड़ाते-छुड़ाते. इस दुनिया में हजारों पेशे करने वाले लोगों का समाज है, कठोर श्रम वाला काम भी और बढ़िया से बढ़िया आरामदायक भी, लेकिन हर काम की जरूरत तो है ही. उनका ध्यान रखना समाज का कर्तव्य है Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5021379659341098168.post-50586638550706054322021-12-17T16:24:34.942+05:302021-12-17T16:24:34.942+05:30प्रेरक प्रस्तुति प्रेरक प्रस्तुति कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com