tag:blogger.com,1999:blog-5021379659341098168.post6424856335931945405..comments2024-02-14T14:02:53.301+05:30Comments on आवारा बादल: यूँ ही एक दिन !nilesh mathurhttp://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5021379659341098168.post-36950420251827944862011-07-06T11:04:08.190+05:302011-07-06T11:04:08.190+05:30यह एक तरफ़ा सोच है ... फर्क तो पड़ता है ..सुन्दर अ...यह एक तरफ़ा सोच है ... फर्क तो पड़ता है ..सुन्दर अभिव्यक्तिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5021379659341098168.post-86738176539255707682009-10-22T21:27:58.783+05:302009-10-22T21:27:58.783+05:30यूँ ही एक दिन
चल दूंगा
अलविदा कहकर तुम्हें ,
पर ...यूँ ही एक दिन <br />चल दूंगा <br />अलविदा कहकर तुम्हें ,<br />पर तुम निराश ना होना <br />मेरे होने ना होने से <br />क्या फर्क पड़ता है ....<br /><br />निलेश जी ऐसी क्या बात हो गयी जो ये अलविदा की बात लिख दी .....?<br /><br />पर आपने भावों का उदगार बहुत अच्छे से किया ....रचना स्पंदनशील है ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5021379659341098168.post-80578081335026860982009-10-20T15:56:41.667+05:302009-10-20T15:56:41.667+05:30मार्मिक है रचना के भाव......फर्क तो पडेगा!मार्मिक है रचना के भाव......फर्क तो पडेगा!ओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.com